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य एषु सुप्तेषु जागर्ति

य एषु सुप्तेषु जागर्ति कौन है वह जो 'इन' 'सोये-हुओं' में जागता है? मैं इस सूक्ति को कुछ अलग अर्थ में देखता हूँ। सोचता हूँ यह 'किसका'...

सभ्यताएँ और साम्राज्य

सभ्यताएँ और साम्राज्य वैज्ञानिक गल्पों की एक प्रसिद्घ माला इस सदी का असिमोव (Asimov) लिखित 'संस्थान त्रयी' (Foundation Trilogy) है। उसमें आज से बीस सहस्त्राब्दी...

श्रीरुद्राष्टकम्

श्रीरुद्राष्टकम् ॐ नम: शिवाय *********************************************************************** II श्रीरुद्राष्टकम् II *********************************************************************** नमामीशमीशान निर्वाण-रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद-स्वरूपं निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाशमाकाशवासं भजे- अहं १. निराकारामोंकार मूलं तुरीयं गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशं करालं महाकाल कालं कृपालं गुणागार संसारपारं नतो-अहं...

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