सभ्यताएँ और साम्राज्य
सभ्यताएँ और साम्राज्य
वैज्ञानिक गल्पों की एक प्रसिद्घ माला इस सदी का असिमोव (Asimov) लिखित 'संस्थान त्रयी' (Foundation Trilogy) है। उसमें आज से बीस सहस्त्राब्दी...
य एषु सुप्तेषु जागर्ति
य एषु सुप्तेषु जागर्ति
कौन है वह जो 'इन' 'सोये-हुओं' में जागता है?
मैं इस सूक्ति को कुछ अलग अर्थ में देखता हूँ।
सोचता हूँ यह 'किसका'...
श्रीरुद्राष्टकम्
श्रीरुद्राष्टकम्
ॐ नम: शिवाय
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II श्रीरुद्राष्टकम् II
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नमामीशमीशान निर्वाण-रूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद-स्वरूपं
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं
चिदाकाशमाकाशवासं भजे- अहं १.
निराकारामोंकार मूलं तुरीयं
गिराज्ञान गोतीतमीशं गिरीशं
करालं महाकाल कालं कृपालं
गुणागार संसारपारं नतो-अहं...