जगन्नाथ मंदिर के ‘रत्न भंडार’ और ‘भीतरा कक्ष’ में क्या-क्या: RBI-ASI के लोगों के साथ सँपेरे भी तैनात, चाबियाँ खो जाने पर PM मोदी ने उठाए थे सवाल

0
469
ओडिशा के जगन्नाथ मंदिर स्थित 'रत्न भंडार' को खोला जाएगा

पहली बार ओडिशा के पुरी स्थित जगन्नाथ मंदिर में ‘रत्न भंडार’ को खोला जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ये कदम उठाया जा रहा है। 46 वर्षों पहले इसे खोला गया था। इसे रहस्यमयी माना जाता है और किसी को भी नहीं पता है कि इसके भीतर क्या-क्या है। इसे 1985 में खोला गया था। तब इसमें जो-जो चीजें हैं उसकी सूची बनाई गई थी। हालाँकि, ये टीम तब ‘भीतरा कक्ष’ में नहीं घुस पाई थी। तब माना गया था कि कई साँप इसकी रक्षा करते हैं।

उसके बाद से अब तक कुछ नहीं पता लगाया जा सका है कि इसमें कितना धन है, इसकी कीमत कितनी है। कहा जाता है कि इसकी चाबियाँ खो गई हैं, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सवाल उठाया था। राज्य में भाजपा की पहली बार जीत हुई है, वर्षों से यहाँ BJD की सरकार थी। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि सारे आभूषणों का ऑडिट किया जाएगा। मौजूदा मंदिर 12वीं सदी में बनाया गया था। कई राजाओं, भक्तों और व्यापारियों द्वारा दान में दिए गए कीमती धातु यहाँ रखे गए हैं।

‘श्री जगन्नाथ टेम्पल एडमिनिस्ट्रेशन (SJTA)’ के मुखिया के नेतृत्व में टीम इस काम पर लगाई गई है। इसमें ‘भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI)’ के लोग भी होंगे। ASI इस इस मंदिर के मेंटेनेंस का काम देखती है। इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) के प्रतिनिधि को भी इसमें शामिल किया गया है। 1978 में 70 दिनों में ये प्रक्रिया पूरी की गई थी। अगर पुरी प्रबंधन के बाद चाबी नहीं मिलती है तो मजिस्ट्रेट की निगरानी में ताला तोड़ा जाएगा।

सँपेरों को भी तैनात किया गया था। अगर मेडिकल सप्लाई की ज़रूरत पड़ती है तो इसके लिए डॉक्टरों की एक टीम को भी तैनात किया गया है। 2018 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसकी संरचना का परीक्षण किया गया था। हालाँकि, कुछ विद्वानों का कहना है कि ‘रत्न भंडार’ के भीतर साँप होने की बातें किवदंती भी हो सकती है। लेकिन, वो इस बात से इनकार नहीं करते हैं कि कुछ छोटे-मोटे साँप यहाँ हो सकते हैं। ‘भीतरा भंडार’ 25*40 फ़ीट का है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here